Wednesday, September 22, 2010

युवराज ने युवा खिलाडियों पर निकाली भड़ास

युवराज ने युवा खिलाडियों पर निकाली भड़ास 
 

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट टीम से पत्ता कटने के बाद युवराज ने अपनी भड़ास युवा खिलाडियों पर निकाली है। ड्रेसिंग रूम में अपने शुरूआती दिनों के व्यवहार को याद करते हुए युवी कहते हैं कि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे युवा खिलाड़ी किसी सीनियर का कहना नहीं मानते और अपनी मर्जी से ही सबकुछ करते हैं। युवराज ने कहा कि सुरेश रैना सीनियर खिलाडियों की बात ध्यान से सुन लेते हैं।

एक क्रिकेटिंग साइट को दिए इंटरव्यू में युवराज ने कहा कि "रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे कुछ युवा खिलाड़ी बहुत प्रतिभावान हैं। लेकिन सीनियर होने के नाते जैसे ही मैं उन्हें कुछ समझाता हूं कि वे ओवर कॉफिडेंस में आकर कोई गलती न करें तो वे मेरी बात नहीं सुनते।" युवी ने स्पष्ट किया कि "रैना ध्यान से बात सुन लेते हैं लेकिन रोहित और विराट उलटे मुझसे ही बहस करने लगते हैं।" 

शुरूआती दिनों में मनमौजी व्यवहार के चलते आलोचना झेल चुके युवराज ने कहा कि शुरूआती सफलता से युवा खिलाड़ी सोचता है कि वह हमेशा ही ऎसा कर सकता है लेकिन अति आत्मविश्वास के कारण ऎसा संभव नहीं होता। युवराज ने बताया कि युवा खिलाड़ी सोचता है कि वह सबकुछ मनमर्जी से कर सकता है लेकिन टीम के लिए खेलते हुए ऎसा संभव नहीं है। ऎसा करना अपरिपक्वता को दर्शाता है और युवा इसी ओवर कॉफिडेंस से गलतियां कर बैठते हैं। युवराज ने आशा जताई कि युवा खिलाड़ी ऎसी गलती दुबारा नहीं करेंगे क्योंकि वे सीनियर से कुछ न कुछ जरूर सीख सकते हैं।

युवराज अपने व्यवहार को याद करते हुए कहा कि वे रोहित और विराट के इस व्यवहार की आलोचना नहीं कर सकते। क्योंकि जब सचिन, सौरव व कुंबले जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी उन्हें भी कुछ समझाते थे तो वो भी उनकी बातों को बकवास मानते थे। युवराज कहते हैं कि "लेकिन उस समय मैं परिपक्व नहीं था। लेकिन बाद में मुझे यह बात समझ में आई।" युवराज ने बताया कि जूनियर खिलाडियों को गाइड करना सीनियर खिलाडियों का कर्तव्य है। सीनियर के दिशानिर्देश युवा खिलाडियों के करियर संवारने में महत्वूपर्ण साबित हो सकते हैं।


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Mahi

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